मय्यत को Mayyat Ko Gusal Ka Tarika  गुसल देना का तरीका In Hindi

मय्यत को Mayyat Ko Gusal Ka Tarika गुसल देना का तरीका In Hindi

मय्यत को Mayyat Ko Gusal Ka Tarika  गुसल देना का तरीका In Hindi

नमाज़ ऐ जनाज़ा से पहले मोमिन की मय्यत का गुसल का सुन्नति और पूरा तरीका Mayyat Ko Gusal Ka Tarika हिंदी में 

गुस्ले मय्यित की नियतें - ( नमाज़ ऐ जनाज़ा में मय्यत को गुसल Mayyat ko Gusal देने की नियत )

  • अब गुस्ले मय्यित का तरीका बयान किया जाएगा लेकिन पहले कुछ निय्यतें कर लीजिये ।  
  • रिज़ाए इलाही पाने और सवाबे आख़िरत कमाने के लिये मय्यित Mayyat को गुस्ल दूंगा 
  • फ़र्ज़  किफाया अदा करूंगा 
  • हत्तल मक्दूर बा वुजू रहूंगा 
  • ज़रूरतन गुस्ल से कब्ल मुआविनीन को गुस्ल का तरीका Tarika और सुन्नतें बताऊंगा 
  • मय्यित की सत्रपोशी का खुसूसी खयाल रखूगा 
  • आ'जा हिलाते वक्त नर्मी और आहिस्तगी से हरकत दूंगा 
  • पानी के इसराफ़  से बचूंगा 
  • मुर्दे की बे बसी देख कर इबत हासिल करने की कोशिश करूंगा 
  • मस्अला दर पेश हुवा तो दारुल इफ्ता अहले सुन्नत से शरई रहनुमाई हासिल करूंगा • 
  • खुदा न ख्वास्ता मय्यित Mayyat का चेहरा सियाह हो गया या कोई और तगय्युर हुवा तो ब हुक्मे शरअ उसे छुपाऊंगा और मुआविनीन को भी छुपाने की तरगीब दूंगा
  • अच्छी अलामत ज़ाहिर हुई मसलन खुश्बू आना , चेहरे पर मुस्कुराहट फैलना वगैरा तो दूसरों को भी बताऊंगा । 


जनाज़ा का बयान 


मय्यित के नहलाने का मस्नून, सुन्नति और हदीसी तरीका Mayyat Ko Gusal Ka Tarika 

मस्थित को नहलाना फ़र्जे किफाया है बाज़ लोगों ने गुस्ल Gusal दे दिया तो सब से साकित हो गया नहलाने का तरीका Tarika यह है कि जिस चारपायी या तखया तखता पर नहलाने का इरादा हो उसको तीन या पाँच या सात बार धुनी दें यानी जिस चीज में वह खुश्बू सुलगती हो 

उसे उतनी बार चारपाई वगैरह के गिर्द फिराए और उस पर मय्यित Mayyat को लिटा कर नाफ से घुटने तक किसी कपड़े से छुपा दे फिर नहलाने वाला अपने हाथ पर कपड़ा लपेट कर पहले इस्तिन्जा कराए फिर नमाज के ऐसा वुजू कराए यानी मुँह फिर कुहनियों समीत हाथ धोए 

फिर सर का मसह करे फिर पाँव धोए मगर मैइत के वुजू में गट्टों तक पहले हाथ धोना और कुल्ली करना और नाक में पानी डालना नहीं है हाँ कोयी कपड़ा या रूई की | 

फरेरी भिगोकर दाँतों और मसूढ़ों और होंटो , नथनों पर फेर दे फिर सर और दाढ़ी के बाल हों तो गुल खैरु से धोये यह न हो तो पाक साबुन | बेसन या यह न हो तो खाली पानी ही काफी है 

फिर बाएँ  करवट पर लिटा कर सर से पाँव तक बेरी का पानी बहाए कि तख्ता तक पहुँच जाए फिर दाहनी करवट पर लिटा कर यूँ ही करें और बेरी के पत्ते का उबाला हुआ पानी न हो तो खालिस पानी नीम गर्म काफी है 

फिर टेक लगा कर उठाए और नर्मी के साथ नीचे को पेट पर हाथ फेरे अगर कुछ निकले तो धो डाले वुजू और गुस्ल Gusal दुबारा न कराए फिर आखिर में सर से पांव तक काफूर का पानी बहाए फिर इसके बदन को किसी कपड़े से धीरे धीरे पोंछ दें । 


इन्तिवाह : एक बार सारे बदन पर पानी बहाना फर्ज़ है और तीन मरतबा सुन्नत् जहाँ गुस्ल Gusal दें मुस्तहब यह है कि प्रदा कर लें कि सिवाए नहलाने वालों और मददगारों के दुसरान देखे । 


मसाला : वुजू पहले होना चाहिये नहलाने के बाद वुजू ग़लत कफ़न का बयान मय्यित Mayyat को कफ़न देना फर्जे किफ़ाया है ।

जनाज़ा के पहले मय्यत को गुसल देना का सुन्नत तरीका Mayyat Ko Gusal Ka Tarika