कब्र में मैय्यत के उतारने वगैरह की दुआ
बिस्मिल्लाहि व अला मिल्लति रसूलिल्लाहि सल्लल्लाहु व् आला अलैहिवसल्लम।
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मय्यित की आँखे बन्द करते वक्त , उसके सीधा करते वक्त गुस्ल के वक्त कफन पहनाने के वक्त , चारपायी या ताबूत वगैरह पर रखते वक्त और कब्र में मय्यित के उतारते वक्त यह दुआ मुस्तहब है ।
कब्र पर मिट्टी देते वक्त यह पढ़े
पहली दफा - मिनहा खलक़नाकुम
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दूसरी दफा - व फीहा नुईदुकुम PARATHA
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तीसरी दफा - व् मीनहा नुकरिजुकुम तारतन उख़रा
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दुआए जनाज़ह
बड़ी मैय्यित के लिए
अल्लाहम्मग़ फिरलि हय्यीना व मय्यितिना व शाहिदिना व ग़ाइबिना व सग़ीरिना व कबीरिना व ज़ क रिना व उनसाना अल्लाहुम्म मन् अहयैय त हु मिन्ना फ़ अहयिही अलल् इस्लामि व मन् त वफ़्फ़यतहु मिन्ना फ़ त वफफ़हुँ अलल ईमान
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नाबालिग लड़के के लिए
अल्लाहुमंजज अलहु लना फर तंव वज़ अलहु लना अज़्रव व् जुख़ रव वज़्र अलहु शाफीऔ व् मुशफ्फ अन.
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नाबालिग़लड़की के लिए
अल्लाहुमंजज अलहु लना फर तंव वज़ अलहा लना अज़्रव व् जुख़ रव वज़्र अलहा लना शफीअतंव व् मुशफ़फ़अतन
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