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February 2021

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मय्यत Mayyat को कफ़न Kafan पहनने का तरीका और उसकी नियत In Hindi

Mayyat मय्यत को कफ़न Kafan पहनने का सुन्नति Sunnati और सरल पूरा तरीका और कफ़न पहनने से पहले कफ़न पहनने की सुन्नति Sunnti नियत आसान लफ्ज़ो में  


कफ़न (Kafan) पहनने से पहले कफ़न पहनने की सुन्नति Sunnati और आसान भाषा में नियत 

  • रिजाए इलाही पाने और सवाबे आखिरत कमाने के मय्यित को कफ़न  (Kafan) पहनाऊंगा 
  • फ़र्ज़ Farz किफाया अदा करूंगा 
  • ज़रूरतन तक्फीन से क़ब्ल मुआविनीन को कफ़न (Kafan) पहनाने का तरीका और सुन्नतें (Sunnte) बताऊंगा 
  • तख्तए गुस्ल से कफ़न (Kafan) पर रखते हुए इन्तिहाई एहतियात और नर्मी बरतूंगा और उस वक्त सत्रपोशी का ख़ास तौर पर ख़याल रखूगा 
  • मय्यित की पेशानी पर अंगुश्ते शहादत से ( बिस्मिल्ला इर्रहमान निर्रहीम ) (Bismilla irrahman Nirrahim)लिखूगा 
  • इसी तरह सीने पर( लाइलाहा इल्ललला मोहम्मदुर रसूलल्लाह सलल्लाहो ताला अलैहे वसल्लम ) लिखूंगा 
  • इत्र या खुश्बू लगाऊंगा 
  • आबे मदीना और आबे  ज़मज़म मुयस्सर होने की सूरत में कफ्त पर छिडकूगा 
  • कब्र  में जानिबे किब्ला ताक नुमा बना कर शजरा शरीफ़ अहदनामा वगैरा इस में रखूगा ।



 मर्द को कफ़न (Kafan) पहनाने का तरीका 
Mard Ko Kafan Pahnne Ka Sunnati Tarika


कफ़न (Kafan) को तीन या पांच या सात बार धूनी दे दें । फिर इस तरह बिछाएं कि पहले लिफ़ाफ़ा या'नी बड़ी चादर उस पर तहबन्द और उस के ऊपर कफ्नी रखें । अब मय्यित को उस पर लिटाएं और कफ़नी पहनाएं , 

अब दाढ़ी पर ( न हो तो ठोड़ी पर ) और तमाम जिस्म पर खुश्बू मलें , वोह बि आज़ा जिन पर सजदा किया जाता है या'नी पेशानी , नाक , हाथों , घुटनों और कदमों पर काफूर लगाएं ( सत्र के मकाम को न तो देख सकते हैं , न बिला हाइल छू सकते हैं ) । 

फिर तहबन्द उल्टी जानिब से , 

फिर सीधी जानिब से लपेटें । 

अब आखिर में लिफाफा भी इसी तरह पहले उल्टी है जानिब से , फिर सीधी जानिब से लपेटें ताकि सीधा ऊपर रहे । सर और पाउं की तरफ़ बांध दें । ( मदनौ वसिय्यत नामा , स . 13 )

इस तरह मर्द का कफ़न  (Kafan) पहनने का सुन्नति और सरल तरीका आप ही की आसान और सरल लफ्ज़ो में 

              Mard Ko Kafan Pahnne Ka Sunnati Tarika




औरत को कफ़न (Kafan) पहनाने का तरीका
Aurat KO Kafan Phanne Ka Sunnati Tarika

 

कफ़न  (Kafan) को तीन या पांच या सात बार धूनी दे दें । 

फिर इस तरह बिछाएं कि पहले लिफाफा या'नी बड़ी चादर उस पर तहबन्द और उस के ऊपर कफ्ती रखें । 

अब मय्यित (Mayyat) को उस पर लिटाएं और कफ्नी पहनाएं अब उस के बालों के दो हिस्से कर के कफनी के ऊपर सीने पर डाल दें और ओढ़नी को आधी पीठ के नीचे बिछा कर सर पर ला कर मुंह पर निकाब की तरह डाल दें कि सीने पर रहे । 

इस का तूल आधी पुश्त से नीचे तक और अर्ज एक कान की लौ से दूसरे कान की लौ तक हो । बाज़ लोग ओढ़नी इस तरह उढ़ाते हैं जिस तरह औरतें (Aurate) जिन्दगी में सर पर ओढ़ती हैं येह खिलाफे सुन्नत (Sunnat) है । 

अब तमाम जिस्म पर खुश्बू मलें , वोह आ'ज़ा जिन पर सजदा किया जाता है या'नी पेशानी , नाक , हाथों , घुटनों और क़दमों पर काफूर लगाएं ( सत्र के मकाम को न तो देख सकते हैं , न बिला हाइल छू सकते हैं ) । 

फिर तहबन्द उल्टी जानिब से , फिर सीधी जानिब से लपेटें । 

अब आखिर में लिफ़ाफ़ा भी इसी तरह पहले उल्टी जानिब से , फिर सीधी जानिब से लपेटें ताकि सीधा ऊपर रहे । सर और पाठ की तरफ़ बांध दें । 

फिर आखिर में सीनाबन्द पिस्तान के ऊपर वाले हिस्से से रान तक ला कर किसी डोरी से बांधैं । ( आज कल औरतों Aurate के कफ़न (Kafan) में भी लिफ़ाफ़ा ही आखिर में रखा जाता है तो अगर कफ़नी के बाद सीनाबन्द रखा जाए तो भी कोई मुज़ाइका नहीं मगर अफ़ज़ल है कि सीनाबन्द सब से आखिर में हो ) 

( मदनी वसिय्यत नामा , स . 13 ) 

इस तरह औरतो  auratoका कफ़न  (Kafan) पहनने का सुन्नति और सरल तरीका आप ही की आसान और सरल लफ्ज़ो में 

               Aurat KO Kafan Phanne Ka Sunnati Tarika



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