मर्दो मय्यत को गुसल का तरीका Mard Mayyat Ko Gusal Ka Tarika नमाज़ ऐ जनाज़ा
एक मोमिन मुस्लमान अपनी हयात ज़िन्दगी में जिस तरह पाक ओ साफ़ रहता हैं और नमाज़ अदा करता हैं उसी तरह उसी मोमिन के मरने के बाद उसको दफ़नाने के पहले के दूसरा मोमिन मर्द मय्यत (Mard Mayyat Ko Gusal Ka Tarika) को गुसल देता हैं वही तरीका आज बताएंगे।
एक मोमिन मुस्लमान के इंतेक़ाल के बाद उसे दफनाया जाता है, दफ़नाने के पहले उसे गुसल दिया जाता हैं और उसकी नमाज़ ऐ जनाज़ा पढाई जाती हैं
मरने के बाद गुसल के बड़े अहमियत हैं और बहुत सवाब हैं, गुसल देने से पहले अछि अछि नियति भी करना जरुरी हैं और ये नियत गुसल देने वाले को करनी चाहिए निचे गुसल की नियत दी गई हैं
मर्दो मय्यत को गुसल Mard Mayyat Ko Gusal देने से पहले की जाने वाली नियति का तरीका Tarika
मर्दो मय्यत को गुसल का तरीका Mard Mayyat Ko Gusal Ka Tarika से पहले अछि अछि नियति सवाब के लिए करले ताकि गुसल देने वाले और गुसल लेने वालो को सवाब मिलेगुस्ले मय्यित की नियतें - ( नमाज़ ऐ जनाज़ा में मय्यत को गुसल देने की नियत )- अब गुस्ले मय्यित का तरीका बयान किया जाएगा लेकिन पहले कुछ निय्यतें कर लीजिये ।
- रिज़ाए इलाही पाने और सवाबे आख़िरत कमाने के लिये मय्यित को गुस्ल दूंगा
- फ़र्ज़ किफाया अदा करूंगा
- हत्तल मक्दूर बा वुजू रहूंगा
- ज़रूरतन गुस्ल से कब्ल मुआविनीन को गुस्ल का तरीका और सुन्नतें बताऊंगा
- मय्यित की सत्रपोशी का खुसूसी खयाल रखूगा
- आ'जा हिलाते वक्त नर्मी और आहिस्तगी से हरकत दूंगा
- पानी के इसराफ़ से बचूंगा
- मुर्दे की बे बसी देख कर इबत हासिल करने की कोशिश करूंगा
- मस्अला दर पेश हुवा तो दारुल इफ्ता अहले सुन्नत से शरई रहनुमाई हासिल करूंगा •
- खुदा न ख्वास्ता मय्यित का चेहरा सियाह हो गया या कोई और तगय्युर हुवा तो ब हुक्मे शरअ उसे छुपाऊंगा और मुआविनीन को भी छुपाने की तरगीब दूंगा
- अच्छी अलामत ज़ाहिर हुई मसलन खुश्बू आना , चेहरे पर मुस्कुराहट फैलना वगैरा तो दूसरों को भी बताऊंगा ।
Mard Mayyat Ko Gusal Ka Tarika |
मर्दो मय्यत को गुसल का तरीका Mard Mayyat Ko Gusal Ka Tarika सुन्नति तरीका
अगरबत्तियां या लूबान जला कर तीन या पांच या सात बार गुस्ल के तख्ते को धूनी दें या'नी इतनी बार तख्ते के गिर्द फिराएं , तख्ते पर मय्यित को इस तरह लिटाएं जैसे कब्र में लिटाते हैं ,
नाफ़ से घुटनों समेत कपड़े से छुपा दें , ( आज कल गुस्ल के दौरान सफेद कपड़ा उढ़ाते हैं और इस पर पानी लगने से मय्यित के सत्र की बे पर्दगी होती है लिहाजा कथ्थई या गहरे रंग का इतना मोटा कपड़ा हो कि पानी पड़ने से सत्र न चमके , कपड़े की दो तहें कर लें तो ज़ियादा बेहतर )
पर्दे की तमाम तर एहतियात और नर्मी से मय्यित का लिबास उतार लें ।
अब नहलाने वाला अपने हाथ पर कपड़ा लपेट कर पहले दोनों तरफ़ इस्तिन्जा करवाए ( या'नी पानी से धोए )
फिर नमाज़ जैसा वुज़ करवाएं या'नी मुंह फिर कोहनियों समेत दोनों हाथ तीन तीन बार धुलाएं ।
फिर सर का मस्ह करें ,
फिर तीन बार दोनों पाठं धुलाएं ,
मय्यित के वुजू में पहले गिट्टों तक हाथ धोना ,
कुल्ली करना और नाक में पानी डालना नहीं है , अलबत्ता कपड़े या रूई की फुरैरी भिगो कर दांतों , मसूढ़ों , होंटों और नथनों पर फेर दे ।
फिर सर या दाढ़ी के बाल हों तो धोएं , साबुन या शेम्पू इस्ति'माल कर सकते हैं ।
अब बाई ( या'नी उल्टी ) करवट पर लिटा कर बेरी के पत्तों का जोश दिया हुवा ( जो अब नीम गर्म रह गया हो ) और येह न हो तो ख़ालिस नीम गर्म पानी सर से पाठं तक बहाएं कि तख्ते तक पहुंच जाए
फिर सीधी करवट लिटा कर इसी तरह करें
फिर टेक लगा कर बिठाएं और नर्मी के साथ नीचे को पेट के निचले हिस्से पर हाथ फेरें और कुछ निकले तो धो डालें दोबारा वज़ू और गुस्ल की हाजत नहीं
फिर आखिर में सर से पाठ तक काफूर का पानी बहाएं
फिर किसी पाक कपड़े से बदन आहिस्ता से पोंछ दें ।
एक मरतबा सारे बदन पर पानी बहाना फर्ज है और तीन मरतबा सुन्नत ।
गुस्ले मय्यित में बेतहाशा पानी न बहाएं आखिरत में एक एक कतरे का हिसाब है येह याद रखें ।
इस तरह मर्द मय्यत का गुसल का तरीका Mard Mayyat Ko Gusal Ka Tarika सुन्नति तरीका हैं इसे सवाब के नियत से शेयर करे
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