Namaz E Janaza नमाज़ ऐ जनाज़ का सुन्नति तरीका In Hindi
नमाज़ ऐ जनाज़ा Namaz E Janaza का मस्नून पूरा और सुन्नति हदीसी तरीका In Hindi और क्या क्या पढ़ना हैं सब का तरीका हिंदी में
जनाजा की नमाज Namaz E Janaza फ़र्जे किफ़ाया है कि एक ने भी पढ़ली तो सब बरीउज़्ज़िमा हो गये वरना जिस जिसको खबर पहुंची थी और न पढ़ी गुनहगार हुआ इसकी फ़र्ज़ियत का जो इनकार करे वह काफ़िर है ।
नमाजे जनाजा Namaz E Janaza के पहले यूँ नीयत करे
" बचैतु अन ओ वदिदय लिल्लाहि व आला अर ब अ तकबीरावि सलाविल जना ज़ती अरसना ओ लिल्लाहि व् आला वाददू आओ लिहाज़ल मय्यति| इक्वदयतु बिहाज़ल इमामि मु त वज्जिहन एला जि ह तिल का अबतिश् शरीफ़र्ति अल्लाहु अकबर. "
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फिर कान तक हाथ उठाकर अल्लाहु अकबर कहता हुआ हाथ नीचे लाए और नाफ के नीचे हस्वे दस्तूर बाँध ले
फिर सना पढ़े
यानी " सुब्हान कल्लाहुम्मा व् बिहम्दी क व तबार कासमु क व् ताला जददु क व् जल्ल सनाओ क व् लाइलाह गैरु क। "
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! फिर बगैर हाथ उठाए अल्लाहु अकबर कहे और दुरुद शरीफ पढ़े | बेहतर दुरुद सिर्फ वही है जो नमाज Namaz में पढ़ा जाता है अगर कोयी दूसरा दरूद पढ़े जब भी हर्ज नहीं फिर बगैर हाथ उठाए अल्लाहु अकबर कहे और इसके बाद अपने और मय्यित के लिए नीज तमाम मोमिनीन व मुमिनात के लिए , दुआए जनाज़ा , पढ़कर अल्लाहु अकबर कह के दोनों हाथ छोड़ दे और दोनों तरफं सलाम फेर दे ।
नोट : मय्यित नमाज़ ऐ जनाज़ा Namaz E Janaza के वक़्त अगर नाबालिग लड़का है तो तीसरी तकबीर के बाद वह दुआपढ़े जो नाबालिग लड़का के लिए है
और अगर नाबालिग लड़की है तो वह दुआ पढ़े जो नाबालिग लड़की के लिए है और जिसे याद न हो बच्चों के लिये भी बड़ी मैइत की दुआ पढ़ले ।
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