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इस्लाम में सहाबा से नमाज़ ए जनाज़ा में गुसल का सुन्नति तरीका रसूलल्लाह सल्लल्लाहो अलैवसल्लम से सुना हुवा, देखा हुवा और बोला हुवा और हदीसो से लिया हुवा सुन्नति और सही तरीका हर इमान वाले मर्द और औरतो के लिए जरुरी मसले मसाइल। निचे बटन पर क्लिक करे।
तफ़्सीर से जानने के लिए यहाँ क्लिक करेइस्लाम में सहाबा से नमाज़ ए जनाज़ा में कफ़न का बयान सुन्नति तरीका रसूलल्लाह सल्लल्लाहो अलैवसल्लम से सुना हुवा, देखा हुवा और बोला हुवा और हदीसो से लिया हुवा सुन्नति और सही तरीका हर इमान वाले मर्द और औरतो के लिए जरुरी मसले मसाइल। निचे बटन पर क्लिक करे।
तफ़्सीर से जानने के लिए यहाँ क्लिक करेइस्लाम में सहाबा से नमाज़ ए जनाज़ा में कफ़न पहनाने का सुन्नति तरीका रसूलल्लाह सल्लल्लाहो अलैवसल्लम से सुना हुवा, देखा हुवा और बोला हुवा और हदीसो से लिया हुवा सुन्नति और सही तरीका हर इमान वाले मर्द और औरतो के लिए जरुरी मसले मसाइल। निचे बटन पर क्लिक करे।
तफ़्सीर से जानने के लिए यहाँ क्लिक करेइस्लाम में सहाबा से नमाज़ ए जनाज़ा का तरीका रसूलल्लाह सल्लल्लाहो अलैवसल्लम से सुना हुवा, देखा हुवा और बोला हुवा और हदीसो से लिया हुवा सुन्नति और सही तरीका हर इमान वाले मर्द और औरतो के लिए जरुरी मसले मसाइल। निचे बटन पर क्लिक करे
तफ़्सीर से जानने के लिए यहाँ क्लिक करेइस्लाम में सहाबा से नमाज़ ए जनाज़ा की दुआ रसूलल्लाह सल्लल्लाहो अलैवसल्लम से सुना हुवा, देखा हुवा और बोला हुवा और हदीसो से लिया हुवा सुन्नति और सही तरीका हर इमान वाले मर्द और औरतो के लिए जरुरी मसले मसाइल। निचे बटन पर क्लिक करे
तफ़्सीर से जानने के लिए यहाँ क्लिक करेअक्सर मोमिन मुस्लमान इस्लाम के हुकूक इस्लाम के फ़र्ज़ के में नहीं मालूम रहता और और वो जानने की कोशिश करता हैं परन्तु उसको पूरी और सही जानकारी नहीं मिलपाती और वो गलत मौलवियों की पास जाके अपना ईमान ख़राब कर बैठता हैं
इसी वजहसे हमने नमाज़ वज़ू दरूद शरीफ और दीगर इस्लामिक जरुरी मालूमात जरुरी वेबसाइट बनाई हैं और हम अहले सुन्नत वाल जमात की सही अक़ीदे और सही नज़ीरियत पर चलकर आप के खिदमत में इस्लाम का इलम की रौशनी रखरहे हैं
इस्लाम में जरूरियात मामलात जो की एक सुन्नी मुस्लमान को सीखें बहुत जरुरी हैं इसलिए हर टोपीक पर हमने एक अलग अलग वेबसाइट बनाए हैं आप इसमें जाकर इल्म हासिल करे और दीगर मोमिनात को शेयर करे इसले सवाब के नियत से. दुआ में याद रखे
अबू हुरैरा रदे अल्लाहु अन्हा से रिवायत है की जिस दिन नज़ाशी की वफात हुई आप सलल्लाहु अलैहि वसल्लम ने उसकी खबर दी और आप सलल्लाहु अलैहि वसल्लम साहाबा के साथ मुसल्ला (नमाज़ पढ़ने की जगह) तशरीफ़ ले गये और सफ बनवाई और चार (4) तकबीरें कही. NAMAZ E JANAZA
अबू उममः रदी अल्लाहु अन्हु ने फ़रमाया की नमाज़ ए जनाज़ा में पहली तकबीर के बाद सुरहे फ़ातिअ आहिस्ता से पड़नी चाहिए
अबू इब्राहिम अल अंसारी अपने वालिद से रिवायत करते हैं की रसूलल्लाह सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम नमाज़ ए जनाज़ा में ये दुआ फरमाते अल्लहुम-मिग़फिर लिहाय्यीना व मय्यितिना व शहीदीना व ग़ैबीना वधकारिना (वाज़करिणा) व उनथाना (व उनसाना) वा सग़ीरीना व कबिरिना तर्जुमाः या अल्लाह मग़फ़िरत फार्मा हमारे ज़िंदा की और हमारे मुर्दो की और हमारे हाज़िर की और हमारे गायब की और हमारे मर्दो की और हमारी औरतो की और हमारे छोटो और हमरे बन्दों की. NAMAZ E JANAZA
फिर चौथी तकबीर कही जाये और एक तरफ दाहिनी तरफ सलाम फेर दिया जाये. NAMAZ E JANAZA
हम सब के आका पर लांखो सलाम